Skip to main content

गायत्री मंत्र शक्तिशाली या खतरनाक है ? Is Gayatri Mantra powerful or dangerous?







 गायत्री मंत्र शक्तिशाली या खतरनाक है ? Is Gayatri Mantra powerful or dangerous?


सद्गुरु जी ने कहा , एक आध्यात्मिक साधक के जीवन में गायत्री मंत्र के महत्व के बारे में बता रहे हैं । वे बताते हैं कि कैसे एक महिला ने इस मंत्र का गलत जाप किया था और अपनी आवाज खो दी थी।


गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में पवित्र और शक्तिशाली माना गया  है , और बहुत से लोग इसे अपने आध्यात्मिक अभ्यास का हिस्सा बनाते हैं बिना किसी प्रतिबंध के। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियाँ या शर्तें हो सकती हैं, जिसके तहत व्यक्तियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना सुझाया जा सकता है। ये कारण सांस्कृतिक, परंपरागत या व्यक्तिगत विश्वासों पर आधारित हो सकते हैं। यहां कुछ संभावनाएँ हैं:


दीक्षा (इनिशिएशन): कुछ परंपराएँ यह सुझाव देती हैं कि व्यक्तियों को विशेष गुरु या आध्यात्मिक शिक्षक से दीक्षा लेनी चाहिए, जिससे कि वे गायत्री मंत्र जैसे कुछ मंत्रों का जाप करने के लिए योग्य हों। दीक्षा का माना जाता है कि इससे आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवाहित होती है और मंत्र का सही उच्चारण और समझ सुनिश्चित होता है।


मन और शरीर की शुद्धि: प्राचीन परंपराएँ शक्तिशाली मंत्रों का जाप करते समय मन और शरीर की शुद्धि की आवश्यकता को जोर देती हैं। कुछ व्यक्तियां गायत्री मंत्र जैसे मंत्रों का जाप नहीं करतीं, जब वे अशुद्ध स्थितियों में हैं, जैसे कि मासिक धर्म के दौरान या किसी करीबी रिश्तेदार की मौत के बाद।


आदर और इरादा: किसी भी मंत्र का जाप करते समय उपयुक्त आदर, ईमानदारी और सही इरादे के साथ किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मंत्र के साथ शुद्ध दिल से नहीं आता है या उसे इसके महत्व का सही से समझने की नहीं है, तो उसे यह सुझाया जा सकता है कि वह जाप करना रोक दे, जब तक कि उसे उचित दृष्टिकोण ना हो।


व्यक्तिगत विश्वास और परंपराएँ: कुछ व्यक्तियों के पास व्यक्तिगत विश्वास या परंपराएँ हो सकती हैं जो उन्हें किसी मंत्र का जाप नहीं करने की दिशा में प्रेरित करती हैं।


यह जरूरी है कि इन कारणों में से कोई भी व्यक्ति विभिन्न परंपराओं और विचारधाराओं के अनुसार भिन्न हो सकता है। यदि आपको गायत्री मंत्र का जाप करने के बारे में संदेह या चिंता है तो अपने गुरु या वेदिक ज्योतिष से सलाह लें.

Comments

Popular posts from this blog

गायत्री मंत्र या स्तोत्र सबसे शक्तिशाली क्यों माना गया है?

 गायत्री  Gayatri Mantra ॐ भूर्भुवः स्वः । तत्स॑वि॒तुर्वरेण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि । धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त् ॥ ॐ = प्रणव भू: = मनुष्य को प्राण प्रदान करने वाला भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला स्वः = सुख़ प्रदान करने वाला तत् = वह, सवितु: = सूर्य की भांति वरेण्यं = सबसे उत्तम भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला देवस्य = प्रभु धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान) धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना) मैं साधकों को गुरुदेव द्वारा दी गई कई अन्य सिद्धियों के बारे में चर्चा करते देखता हूं, लेकिन कोई भी गायत्री मंत्र के बारे में बात नहीं करता है, जो एक महामंत्र है जिसके माध्यम से कई सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं.. हर किसी को प्रतिदिन तुलसी माला के साथ गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, कम से कम 4 माला गायत्री का करना चाहिए। प्रतिदिन बिना रुके मंत्र जाप करें और मंत्र जाप के बाद मंत्र जाप के दौरान रखे हुए जल को सुबह के सूर्य को समर्पित करें।  कोई भी प्रतिदिन 4 माला से अधिक गायत्री मंत्र का जाप कर सकता है, जैसे 11 माला या इससे अधिक, लेकिन इसे ...

कर्ज बाधा, शत्रु बाधा, जीवन की समस्त परेशानियों का करें शमन काली स्तोत्र से।

  प्रत्येक स्तोत्र अपने आप में कुछ न कुछ विशेष रहस्य छुपाये ही रहता है , और यहाँ काली स्त्रोत्र भी इतना ही तीक्ष्ण प्रभावशाली है। साधक को चाहिए की किसी भी तांत्रिक या शमशान साधना करने से पहले इस स्तोत्र का पथ करना ही चाहिए, माँ काली शमशान की देवी है, साधक के जीवन में आयी कठिन से कठिन परेशानिया , बाधाएं जो शमशान तुल्य बनकर जीवन को बर्बाद कर रही वो , उन कठिन से कठिन परेशानियों को इस स्तोत्र के रोज १०८ पाठ करने से निश्चित रूप से दूर होती ही हैं,  इस स्तोत्र को किसी भी मंगलवार कृष्ण पक्ष के अथवा अष्टमी की रात्रि से प्रारम्भ किया जा सकता है, बस जितने दिन ११, २१, ५१, पाठ करे साधक पूर्ण ब्रहचर्य का पालन करे , सात्विक भोजन एवं भूमि शयन करे , यदि किसी विशेष कार्य, कर्ज बाधा , शत्रु बाधा के लिए संकल्प के साथ स्तोत्र पथ करे तो सफलता मिलती ही है।  और यदि सिद्ध  चंडी यन्त्र को पूजन कर इस स्तोत्र का केवल ५१ पाठ करे तो भी सफलता मिलती ही है.  कर्ज बाधा, शत्रु बाधा, जीवन की समस्त परेशानियों का करें शमन काली स्तोत्र से।  कठिन परेशानिया , बाधाएं जो शमशान तुल्य बनकर जीवन को बर...